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Edge computing

एज कंप्यूटिंग क्या है?

एज कंप्यूटिंग दो शब्दों से मिलकर बना है जिसमें एज (Edge) अर्थात् किनारा तथा कंप्यूटिंग (Computing) अर्थात् संगणना। क्लाउड कंप्यूटिंग के विपरीत एज कंप्यूटिंग के अंतर्गत संगणना संबंधी कार्यों के लिये डेटा का संग्रह डिवाइसेज़ के निकट ही किया जाता है।

दूसरे शब्दों में कहें तो यह एक नई नेटवर्किंग प्रणाली है जिसके तहत डेटा स्रोत/सर्वर तथा डेटा प्रोसेसिंग को कंप्यूटिंग प्रक्रिया के निकट लाया जाता है ताकि लेटेंसी और बैंडविड्थ की समस्या को कम किया जा सके और किसी एप्लीकेशन की क्षमता में वृद्धि की जा सके।

इसके विपरीत क्लाउड कंप्यूटिंग में डेटा का स्रोत मशीन से हज़ारों किलोमीटर दूर स्थित हो सकता है।

एज कंप्यूटिंग के लाभ:

कई कंपनियों के लिये क्लाउड कंप्यूटिंग का प्रयोग महँगा साबित होता है क्योंकि अत्यधिक मात्रा में डेटा संग्रह और बैंडविड्थ के प्रयोग से इसकी लागत बढ़ जाती है। एज कंप्यूटिंग इस मामले में एक बेहतर विकल्प हो सकता है।

एज कंप्यूटिंग का सर्वाधिक लाभ यह है कि यह डेटा की प्रोसेससिंग तथा संग्रह तीव्रता से कर सकता है जिससे यूज़र के लिये आवश्यक रियल-टाइम एप्लीकेशन की दक्षता को बढ़ाया जा सके।

उदाहरण के लिये किसी व्यक्ति के चेहरे की पहचान करने वाला स्मार्टफोन क्लाउड कंप्यूटिंग के अंतर्गत फेशियल रिकग्निशन एल्गोरिथम (Facial Recognition Algorithm) हेतु क्लाउड आधारित सेवा का उपयोग करता है जिसमें अधिक समय लगता है। लेकिन एज कंप्यूटिंग के प्रयोग से वह स्मार्टफोन स्वयं में उपस्थित या किसी स्थानीय एज सर्वर के प्रयोग से उस एल्गोरिथम का प्रयोग कर बिना देर किये व्यक्ति की पहचान कर सकता है।

एज कंप्यूटिंग में निहित संभावित चुनौतियाँ:

डेटा सुरक्षा के दृष्टिकोण से एज कंप्यूटिंग की विश्वसनीयता पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। विभिन्न मशीनों में अलग-अलग डेटा संग्रह के कारण यह एक केंद्रीकृत अथवा क्लाउड आधारित प्रणाली की तुलना में कम सुरक्षित माना जा रहा है। जैसे वर्तमान में क्लाउड कंप्यूटिंग में डेटा सुरक्षा की ज़िम्मेदारी मुख्य रूप से गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, एप्पल, अमेज़न आदि उन कंपनियों की है जिनकी विश्वसनीयता अधिक है।

इसके अलावा अलग-अलग डिवाइसेज़ में डेटा प्रोसेसिंग के लिये आवश्यक उर्जा, विद्युत और नेटवर्क कनेक्टिविटी की आवश्यकता आदि इसके समक्ष मुख्य चुनौतियाँ हैं।

जहाँ एक सामान्य पर्सनल कंप्यूटर में हम सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल करते हैं, वहीं एज कंप्यूटिंग में हम केवल उपयोग करते हैं। इसका तात्पर्य है कि एज कंप्यूटिंग में डेटा का नियंत्रण यूज़र के पास न होकर एज डिवाइस के पास होता है जो कि इसकी गोपनीयता तथा सुरक्षा के लिये संदेहास्पद हो सकता है।